Saturday, 20 November 2010

कैसे बताऊं मै तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो?

कैसे बताऊं मै तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो?
कैसे बताऊँ...कैसे बताऊँ मै तुम्हे तुम
धडकनों का गीत हो जीवन का संगीत हो
तुम जिंदगी तुम बंदगी तुम रोशनी तुम ताजगी
तुम हर ख़ुशी तुम प्यार हो मनमीत हो
आँखों में तुम यादों में तुम सासों में तुम
आहों में तुम नींदों में तुम ख्वाबों में तुम
तुम हो मेरी हर बात में तुम हो मेरे दिन रात में
तुम सुबह में तुम शाम में तुम सोच में तुम काम में
मेरे लिए पाना भी तुम मेरे लिए खोना भी तुम
मेरेलिए हंसना भी तुम मेरे लिए रोना भी तुम
और जागना सोना भी तुम
जाओ कहीं देखो कहीं तुम हो वहां तुम हो वहीं
कैसे बताऊँ मै तुम्हे तुम बिन तो मै कुछ भी नहीं
कैसे बताऊँ मै तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
ये जो तुम्हारा रूप है ये जिन्दगी की धुप है
चन्दन से तराशा है बदन बहती है जिसमें एक अगन
ये शोखियाँ ये मस्तियाँ तुमको हवाओंसे मिलीं जुल्फें घटाओसे मिली
हाथों में कलियाँ खिल गई आँखों को झील मिल गई
चेहरे में सिमटी चांदनी आवाज में है रागिनी
शीशे के जैसा अंग है फूलों के जैसा रंग है
नदियों के जैसी चाल है क्या हुस्न है क्या चाल है
ये जिस्म की रंगीनियाँ जैसे हजारों तितलियाँ
बाँहों की यह गोलाइयाँ आंचलमें यह परछाइयां यह
नगरियाँ है ख्वाब की कैसे बताऊँ मै तुम्हे हालत दिले बेताब की
कैसे बताऊँ मै तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो
कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ कैसे बताऊँ मै तुम्हे मेरे लिए तुम धरम हो
मेरे लिए ईमान हो तुमही इबादत तुम ही तो चाहत हो मेरी
तुमही मेरा अरमान हो तकता हूँ मै हर पल जिसे
तुमही तो वो तस्वीर हो
तुमही मेरी तक़दीर हो तुमही सितारा हो मेरा
तुम ही नजारा हो मेरा यूँ ध्यान में मेरे हो तुम जैसे मुझे घेरे हो तुम
पूरब में तुम पश्चिम में तुम उत्तर में तुम दक्षिण में तुम
सारे मेरे जीवन में तुम हर पल में तुम हर चिर में तुम
मेरे लिए रास्ता भी तुम मंझिल भी तुम सागर भी तुम साहिल भी तुम
मै देखता बस तुमको हूँ सोचता बस तुमको हूँ
मै जानता बस तुमको हूँ मै मानता बस तुमको हूँ
तुमही मेरी पहचान हो कैसे बताऊँ मै तुम्हे देवी हो तुम मेरे लिए भगवान् हो कसे बताऊँ
कैसे बताऊँ मै तुम्हे मेरे लिए तुम कौन हो कैसे बताऊँ......


 फिल्म: वजूद
संकलक और हिंदी रूपांतर: प्रवीण कुलकर्णी


1 comment:

  1. yrr Board me koyi queation yaad nhi ho rha tha jo mai 2 saal se padh rha tha lekin maine apne board paper me isko kewal 12 hour me pura yaad kr liya aur bhi hai isme lekin alag alag hai puri film dekhne pr pta chalega.
    & love you Nana Patekar.

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हंस-दमयंती

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