Quiet Time..
Monday, 8 November 2010
क्या बात है
बातचीत की कला का महान रहस्य है - खामोशी।
चाय वाला : भोली सी सूरत, आंखों में मस्ती, दूर खड़ी शरमाए...... आय हाय .....!!! लडकी : काली सी सूरत, हाथ में केतली, दूर खडा चिल्लाए....... चाय चाय .....!!!
व्याकरण की तरह जीवन में भी यह होता है कि - अपवादों की संख्या नियमों से भी बढ़ जाती है।
अगर आप बस पे चढ़ें... या फिर बस आप पे चढ़े... दोनों मर्तबा टिकट आपका ही कटता है.
वह बेवकूफ है जो शादी करता है, लेकिन जो बेवकूफ से शादी नहीं करता वह और भी बड़ा बेवकूफ है।
शादी लॉटरी की तरह होती है........ बस हार जाने पर आप टिकट फाड़कर नहीं फेंक सकते !
कई बीवियां रखने में एक फायदा है; वे अपने पति से लड़ने की बजाय आपस में ही लड़ती रहती हैं।
अनुभव हमारे ज्ञान को बढ़ा देता है लेकिन हमारी बेवकूफियों को कम नहीं करता।
जितनी मेहनत से लोग नरक में जाते हैं, उससे आधी से स्वर्ग में जा सकते हैं।
सन्त और पापी में केवल यह अन्तर है कि हर सन्त का एक भूतकाल होता है और हर पापी का एक भविष्य।
जीवन में सबसे ज्यादा आनंद उसी काम को करने में है जिसके बारे में लोग कहते हैं कि तुम नहीं कर सकते हो।
वही सबसे तेज चलता है, जो अकेला चलता है।
आदमी हारने के लिए नहीं बना है। वह मिट सकता है, लेकिन हार नहीं मान सकता । - उपन्यासकार, अर्नेस्ट हेमिंग्वे
सामने हो मंजिल तो रास्ता न मोड़ना,जो मन में हो वो ख्वाब न तोड़ना हर कदम पे मिलेगी कामयाबी तुम्हें, बस सितारे चुनने के लिए कभी जमीन न छोड़ना
कोशिश करो कि कोई तुमसे ना रुठे ज़िंदगी में अपनों का साथ ना छूटे रिश्ता कोई भी हो उसे ऐसा निभाओ कि ज़िंदगी भर उस रिश्ते की डोर न टूटे
बेजुबां परिंदों के देखिए तो हौसले ऊंचे-ऊंचे दरख्तों पर बना रहे घोसले उम्र कभी मोहताज नहीं होती बुलंदी की देखिए आज भी गा रहीं आशा भोंसले
बरसों पुरानी डायन पर संसद में चर्चा हो गई ख़ुश हो जाओ कि कागज़ पर महंगाई कम हो गई
क़समें तो वो कुछ इस तरह से खाते हैं चाय,दूध,पीते या जैसे फ्रूट चबाते हैं। हम बुलाते हैं उन्हें यूं रोज मगर, हर रोज यही कहते कि बस कल आते हैं।
यह मत देखो कोई श़ख्स गुनहगार कितना है। यह देखो वह आपके साथ वफ़ादार कितना है। यह मत सोचो उसमें क्या-क्या कमजोरियां हैं, यह देखो कि वह श़ख्स दिलदार कितना है।
हर बात ऐसी करो इतिहास बन जाए। हर क़दम के गवाह चांद-तारे बन जाएं। क़िस्मत के भरोसे जिंदगी न डगमगाना, कर्म ऐसे करो कि क़िस्मत ख़ुद बन जाए।
संकलक:प्रवीण कुलकर्णी
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